Likoria (स्वेत प्रदर)
परिचय :-
यह बीमारी स्त्रियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसमें स्त्री के योनि मार्ग से स्राव होने वाला जल हल्का पीला हुआ व चिपचिपा होता है इसके साथ योनि के आसपास छोटे-बड़े दोनों के साथ खुजली कायम रहती है इस स्थिति को स्वेत प्रदर कहते हैं |
स्वेत प्रदर होने का निम्नलिखित कारण है----------
- पाचन शक्ति कमजोर हो जाने के कारण
- यकृत अवरुद्ध होने के कारण
- गर्भपात हेतु बार-बार दवाइयों का सेवन करने के कारण
- अत्यधिक मात्रा में तीखे मिर्च मसाला तेलीय पदार्थ मांस मछली वह गर्म भोज्य पदार्थ जैसे लहसुन अदरक लॉन्ग आदि चीजों का अधिक सेवन करने के कारण
- ट्रायकोमोनाल बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण
- अत्यधिक ओवर क्रॉसिंग करने के कारण
- बार-बार गर्भपात हो जाने के कारण
- अधिक मानसिक तनाव के कारण
- गर्म दवाइयों का अधिक दिनों तक सेवन करने के कारण
- यह बीमारी होने का मुख्य कारण संक्रमित व्यक्ति के खुले में शौच करने से होता है
- अश्लील अखबार या किताबों का अधिक दिनों तक देख-रेख करने के कारण
- लक्षण के आधार पर लिकोरिया तीन प्रकार का होता है ----
- मोनोलिया लिकोरिया
- ट्राइकोमोनल लिकोरिया
- सुजाक लिकोरिया
इस लिकोरिया में रोगी के योनि मार्ग से स्राव होने वाला जल दही के समान फुटकीदार होता है इसके साथ योनि के आसपास छोटे-बड़े दोनों के साथ खुजली कायम रहती है साथ ही आरुचि बीमारी प्रकोपित कर लेता है इसके साथ रोगी का चेहरा निस्तेज व हल्का सावला दिखाई देने लगता है शरीर भार में कमी आने के साथ-साथ रोगी अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं पेट में कब्ज बना रहता है तो किसी-किसी व्यक्ति को दिन में ही आंख के सामने तारे दिखाई देने लगते हैं रोगी के कमर में दर्द घुटनों में दर्द आंखों का अंदर जाना हल्का पीलापन आदि लक्षण प्रकट होते हैं |
ट्राइकोमोनल लिकोरिया :-
इस लिकोरिया में रोगी के योनि मार्ग से स्राव होने वाला जल हल्का पीला व चिपचिपा होता है शरीर भार में कमी आने के साथ रोगी रक्तहीन होने लगते हैं रोगी का चेहरा हल्का पीला दिखाई देने के साथ रोगी अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं रोगी के पेट में कब्ज बना रहता है किसी किसी व्यक्ति को खट्टा मीठा डकार आने के साथ मुंह में पानी आ जाता है कभी-कभी रोगी की आंख के सामने अंधेरा छा जाता है |आरूचि बीमारी परिपूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है रोगी के मस्तिष्क में दर्द कायम रहता है इसके साथ-साथ रोगी के शरीर में आदि लक्षण प्रकट होता है |
सुजाक लिकोरिया :-
इस लिकोरिया में रोगी के योनि के आसपास हल्का सूजन के साथ मवादयुक्त ,रक्तयुक्त दुर्गंधित जल स्राव होता है योनि के आसपास छोटे-बड़े दोनों के साथ खुजली कायम रहती है इस लिकोरिया में रोगी बहुत ही दुर्बल व कमजोर होने के साथ रक्तहीन हो जाते हैं रोगी के पेट में कब्ज बना रहता है इसके साथ मस्तिष्क में दर्द ,कमर दर्द आदि लक्षण प्रकट होता है इस रोग का समय अनुसार निदान न कराने पर यह रोग कैंसर का रूप धारण कर लेता है |
बचाव :-
रोगी को गर्म भोज्य पदार्थ जैसे लहसुन अदरक लॉन्ग आदि चीजों का सेवन न कराएं , तेलीय पदार्थ व मांस मछली का सेवन न करने दे दही बैगन वह खट्टे भोज्य पदार्थ का सेवन न करने दे इसके साथ रोगी को कुपाच्य भोजन का सेवन न कराएं |
सहायक चिकित्सा :-
रोगी को पौष्टिक आहार दे जैसे हरे साग सब्जी घर का बनाया हुआ पनीर इसके साथ ही रोगी को सुबह-शाम के समय शारीरिक व्यायाम करने को बोले और रोगी को प्रतिदिन ऑवला का चूर्ण का सेवन कराएं या केला के तना को निकाल कर उसका रस निकले व रोगी को प्रतिदिन पीने के लिए दे या जामुन के बीज का चूर्ण बनाए व रोगी को प्रतिदिन दें या गुलाब के पत्ता का लिक्विड बनाकर दो चम्मच दूध के साथ रोगी को खिलाएं इसके साथ-साथ रोगी को ठंडे भोज्य पदार्थ का अधिक सेवन कराएं ।रोगी का शारीरिक स्वच्छता अति अनिवार्य है |
Rx
Megapen, 500mg Cap, 1×2
Silimarin, Syp, 2×2
Aristozyme, Syp, 2×2
Liucol, Tab, 1×3
Pentop-DSR, Cap, 1×1
उपरोक्त दवा लिकोरिया को ठीक करने के लिए दिया जाता है |
Rx
Ag-3, 500mg,Tab
Candid, 500mg,200mg,Tab
Mycostatin, 500mg,Tab
उपरोक्त दवा वेजाइनल टेबलेट है इसे योनि मार्ग से होने वाला जल स्राव को नियंत्रित करने के लिए दिया जाता है |
DOSE:-
वयस्क व्यक्ति को Candid V6 का टैबलेट सुबह-शाम रोग के स्थिति को देखते हुए दो-तीन दिनों तक चलाया जाता है |