Asthma (दम्मा )
परिचय :-
इस बीमारी में रोगी खांसते खांसते बेकाबू हो जाते हैं ।खांसी से जो बलगम निकलता है वो बलगम रोड़ीदार व डोड़ीदार होता है साथ ही रोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है इस स्थिति को दम्मा कहते हैं |
दम्मा होने का निम्नलिखित कारण है-----------
- सीना में कफ सूख जाने के कारण
- कुछ अनुवांशिकता के कारण
- धूम्रपान निकोटिन का अधिक सेवन करने के कारण
- धूल धुआं भरे वातावरण में लंबे समय तक रहने के कारण
- संक्रमित व्यक्ति के झूठे भोज्य पदार्थ का सेवन करने के कारण
- अत्यधिक मात्रा में तीखे मिर्च मसाला वह तेलीय पदार्थ का सेवन करने के कारण
लक्षण :-
इस बीमारी में रोगी खांसते-खांसते लोटपोट हो जाते हैं वह खांसी से जो बलगम निकलता है वह बलगम मवादयुक्त हल्का पीला होता है रोगी का शारीरिक तापमान दोपहर के बाद बढ़ने लगता है रात्रि 12:00 के बाद फिर सामान्य हो जाता है रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है रोगी के शरीर भार में तेजी से कमी आने के साथ रोगी दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं यह बीमारी रात्रि के समय तीव्र गति से बढ़ने लगता है जिससे रोगी के हाथ पैरों पर कभी-कभी ठंडक पड़ने लगता है |
बचाव :-
रोगी को धूम्रपान निकोटिन का सेवन न करने दे ।अधिक मात्रा में तीखे मिर्च मसाला का सेवन न करने दे साथ ही रोगी को मानसिक तनाव से बचाए |
सहायक चिकित्सा :-
रोगी को पोस्टिक आहार दे साथ ही रात्रि के समय रोगी के मस्तिष्क के पास मसलन का प्रयोग करें ।रोगी के हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने पर शुद्ध सरसों तेल में लहसुन डालकर गर्म करें व रोगी के हाथ पैरों का तलवा मालिश करें ।
रोगी का बलगम रख को पोटली में त्याग कराएं व साथ ही रोगी के शारीरिक सफाई पर ध्यान दें इसके साथ-साथ रोगी को सुबह के समय शारीरिक व्यायाम करने के लिए बोले |