कर्णशूल (कान दर्द )
परिचय :-
इस बीमारी में रोगी के कान में सुई के चुभन की भांति रुक-रुक कर तेज दर्द होता है इस स्थिति को कर्णशूल कहते हैं ।
कर्णशूल होने का निम्नलिखित कारण है --------
- कान में अधिक मैल बैठ जाने के कारण
- बच्चा का दांत निकालने के कारण
- कान में किसी भी प्रकार का फोड़ा फुंसी या घाव हो जाने के कारण
- स्नान करते समय कान में पानी चले जाने के कारण
- शीतल वायु कान में प्रवेश कर जाने के कारण
- कान पर चोट लग जाने के कारण
लक्षण :-
इस बीमारी में रोगी के कान में फुंसी या घाव होता है इसके साथ सुई के चुभन की भांति तेज दर्द होता है जिससे रोगी बेकाबू होकर अक बक बोलने लगते हैं । किसी-किसी व्यक्ति को ज्वार आ जाता है और मस्तिष्क में दर्द कायम हो जाता है । आरूचि बीमारी पूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है । किसी-किसी व्यक्ति के कान से रक्त या जल स्राव होता है।
बचाव :-
रोगी के कान में ठंडा पानी जाने से बचाए ।खट्टे भोज्य पदार्थ व दही का सेवन न कराएं।ठंडा भोज्य पदार्थ व मीठे भोज्य पदार्थ न दें।
सहायक चिकित्सा :-
रोगी के कान में नवरत्न तेल या शुद्ध सरसों का तेल डाले या मैल निकालने के लिए Otogesic ड्रॉप का प्रयोग करें ।
Rx
Combiflam, Syp, Tab
D.P Gesic, Tab
Sumo , Tab
Zerodol-P, Tab
Zerodol-SP, Tab
उपरोक्त दवा दर्द बुखार होने की स्थिति में दिया जाता है |
Dose :-
वयस्क व्यक्ति को किसी एक दवा से एक-एक टैबलेट सुबह-शाम दिया जाता है |
Rx
Otogesic, DP
Otowex, DP
Gowex, DP
Wex, DP
Otoclear
उपरोक्त दवा कान के मैल को नरम बनाने के साथ बाहर निकलने का कार्य करता है ।
Rx
Icip, DP
Ciprowin, Dp
Norflrx, Dp
Ciprowex, Dp
उपरोक्त दवा एंटीबायोटिक ड्रॉप है इसे कान में दर्द होने पर डाला जाता है।
Rx
Comnbiflam, Tab, 1×2
Icip, DP,
Otogesic , Dp
उपरोक्त दावा कर्णशूल को ठीक करने के लिए दिया जाता है ।