पीलिया (Jaundice )
परिचय :-
इस बीमारी में रोगी के RBC रक्त में पितरंजन का मात्रा बढ़ जाता है जिससे रोगी का पूरा शरीर हल्का पीला दिखाई देने लगता है | साथ ही सुस्ती छाई रहती है किसी किसी व्यक्ति के शरीर में शारीरिक तापमान बढ़ने के साथ मस्तिष्क में दर्द बना रहता है | इस स्थिति को पीलिया रोग कहते हैं |
पीलिया रोग होने का निम्नलिखित कारण है------
- कम पानी पीने के कारण
- अत्यधिक मात्रा में तीखे मिर्च मसाला तेलीय पदार्थ मांस मछली का सेवन करने के कारण
- पाचन शक्ति कमजोर हो जाने के कारण
- आरुचि बीमारी से अधिक दिनों तक ग्रसित रहने के कारण
- मदिरा और अल्कोहल का अधिक सेवन करने के कारण
- यकृत अवरुद्ध हो जाने के कारण
- शरीर के कोई भी अंग कट जाने पर अधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण
लक्षण :-
इस बीमारी में रोगी के हाथ पैरों के नाखून के साथ पूरा शरीर हल्का पीला दिखाई देने लगता है आरुचि बीमारी पूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है रोगी के पूरे शरीर में हल्का दर्द के साथ सुस्ती छाई रहती है साथ ही रोगी रक्तहीन होने के साथ बहुत ही कमजोर हो जाते हैं शरीर भार में तेजी से कमी आने लगती है किसी-किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में दर्द के साथ शारीरिक तापमान बना रहता है रोगी के आंखों का अंदर जाना व साथ ही चेहरा निस्तेज हो जाना आदि लक्षण प्रकट होते हैं |
बचाव :-
- अधिक तीखे मिर्च मसाला का सेवन न कराएं
- मदिरा और अल्कोहल का सेवन न करने दे साथ ही धूम्रपान निकोटिन का सेवन न कराएं
- रोगी को कुपाच्य भोजन न दें
सहायक चिकित्सा :-
रोगी को पौष्टिक तत्व के साथ हर साग सब्जी और ठंडा भोज्य पदार्थ जैसे लस्सी खीरा ककड़ी मूली गाजर आदि चीजों का सेवन भरपूर मात्रा में कारण साथ ही रोगी को सुपाच्य भोजन दें इसके साथ सपोल के भूसी में मिश्री दाना मिलकर 1-2 गिलास पानी में रात्रि के समय डाल दे वह सुबह के समय रोगी को पीने के लिए दें और पूरे दिन पानी में ग्लूकोज-D मिलाकर रोगी को पिलाए 1 दिन में 3-4 बार स्नान करने के लिए बोले साथ ही दो-दो नींबू का प्रतिदिन सेवन कराएं |
Rx
Silimaerin, Syp, 2×2
Aristozyme, 2×2
Pentop-DSR, Cap, 1×1
RB-Tone, Syp, 2×2
उपरोक्त दवा Jaundice को ठीक करने के लिए प्रथम अवस्था में दिया जाता है |