टाइफाइड बुखार के लक्षण, कारण और रोकथाम

Typhoid Fever



परिचय :-
                          यह बीमारी साल्मोनेला टाइफाइड बैक्टीरिया द्वारा होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसमें रोगी के मस्तिष्क में दर्द के साथ शारीरिक तापमान बढ़ने लगता है साथ ही रोगी को सुस्ती छाई रहती है इस स्थिति को टाइफाइड बुखार कहते हैं |




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  • टाइफाइड बुखार होने के निम्नलिखित कारण है-------------

  1.  साल्मोनेला टाइफाइड बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण
  2. शुद्ध जल नहीं पीने के कारण
  3. संक्रमित व्यक्ति के झूठे भोज्य पदार्थ का सेवन करने के कारण
  4. साधारण बुखार अधिक दिनों तक रह जाने के कारण
  5. सुबह के समय बिना हेलमेट लगाए अधिक दूरी तय करने के कारण
                         टाइफाइड बुखार का जन्म अवधि 21 दोनों का होता है----------


प्रथम सप्ताह :- 

                                            इस सप्ताह में रोगी का शारीरिक तापमान लगभग 100 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है रोगी के मस्तिष्क में दर्द के साथ-साथ पूरे शरीर में हल्का दर्द रहता है और आरूचि बीमारी प्रकोपित करना शुरू कर देती है रोगी का शारीरिक तापमान दोपहर के बाद बढ़ने लगता है व रात्रि 12:00 बजे के बाद फिर सामान्य हो जाता है किसी किसी व्यक्ति के पेट में कब्ज बनने के साथ खट्टा मीठा डकार भी आता है |


दूसरा सप्ताह :-

                                            इस सप्ताह में रोगी का शारीरिक तापमान लगभग 101 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है इसके साथ किसी-किसी व्यक्ति के पेट में हल्का मीठा व तेज दर्द होता है |रोगी बहुत दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं रोगी के मस्तिष्क में दर्द के साथ घटना के नीचे वाला भाग में दर्द कायम रहता है | किसी किसी व्यक्ति को वह Vomating जैसा एहसास होने के साथ वह Vomating हो भी जाता है | रात्रि के समय रोगी का शारीरिक तापमान अधिक होने पर रोगी के हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने लगता है और रोगी बेकाबू होकर अक-ब बोलने लगते हैं |


तीसरा सप्ताह :-

                                               इस सप्ताह में रोगी का शारीरिक तापमान लगभग 102 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है आरुचि बीमारी पूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है | शरीर भार में कमी आने के साथ रोगी अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं रोगी के पेट में कब्ज बना रहता है साथ ही शारीरिक तापमान दोपहर के बाद तीव्र गति से बढ़ने लगता है वह रात्रि 12:00 बजे के बाद फिर सामान्य हो जाता है रोगी के हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने के साथ-साथ पेट में दर्द कायम रहता है | इस समस्या का समय अनुसार निदान न कराने पर रोगी विचलित हो जाते हैं   |


बचाव :-

                      रोगी को तीखे मिर्च मसाला व कुपाच्य भोजन का सेवन न कराएं साथ ही मानसिक तनाव से बचाए ।धूम्रपान व निकोटिन का सेवन न करने दे ।





सहायक चिकित्सा :-

                                                         रोगी को पौष्टिक आहार दें जैसे हरे साग सब्जी तथा रोगी का शारीरिक तापमान अधिक होने पर ठंडे पानी में सूती कपड़ा भिगोकर पट्टी करें इसके साथ रोगी के हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने पर शुद्ध सरसों तेल में लहसुन डालकर  गर्म करें व रोगी के हाथ पैरों का तलवा मालिश करें । शारीरिक स्वच्छता अति अनिवार्य है |


Rx

Taxol,           1g

Dolo,            500mg Tab,1×2

Pentop-DSR,  Cap,1×1

Polybion,        Syp,2×2


उपरोक्त दवा टाइफाइड को ठीक करने के लिए दिया जाता है 

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