Abortion - Tests & treatments

 Abortion   ( गर्भपात ) 

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 परिचय :-

                           समय से पहले गर्भ में पल रहा शिशु बाहर आ जाता है उसे गर्भपात कहते हैं ।भ्रूण का  बाहर आ जाना ही गर्भपात कहलाता है | 

                                            गर्भपात होने का निम्नलिखित कारण है -----

  1. मानसिक तनाव के कारण
  2. सीढ़ियों पर अधिक  चढ़ने उतरने के कारण
  3. पति-पत्नी का ब्लड ना मिलने के कारण
  4. डॉक्टर से बिना मिले किसी भी प्रकार का अधिक दवाइयां का सेवन करने के कारण
  5. पेट में चोट लग जाने के कारण
  6. अत्यधिक भारी वजन उठाने के कारण






लक्षण :- 
                        इस बीमारी के शुरुआत में रोगी के पैरों के साथ-साथ कमर दर्द कायम हो जाता है और बार-बार यूरिन त्याग होता है इसके साथ-साथ घबराहट चेहरा पर सांवलापन आदि लक्षण प्रकट होने लगता है। एकाएक सर्विस का मुंह खुल जाता है एवं गर्भपात हो जाता है। आरुचि पूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है शरीर भार में कमी आने के साथ रोगी अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं | 

सावधानियां :-  
  1.  सीढ़ियों पर संभल कर चलना और भरी सामग्री नहीं उठाए 
  2. सोते समय सावधानी बरते
  3. समय-समय पर सोनोग्राफी  कराकर रक्त जांच अवश्य कराएं
  4. मानसिक तनाव से रोगी को बचाएं
बचाव :-  
  1.         रोगी को घरेलू झगड़ों से बचाए
  2. तीखे मिर्च मसाला गरम भोज्य पदार्थ आदि चीजों का सेवन न कराएं
  3. रोगी को यातायात साधनों से बचाए
  4. रोगी को अधिक मात्रा में भोजन न करने दे ।इसके साथ ही कुपाच्य  भोजन ,फास्ट फूड का सेवन न करने दे ।
सहायक चिकित्सा :-
                                               रोगी को पौष्टिक आहार दे जैसे आयरनयुक्त व कैल्शियमयुक्त भोज्य पदार्थ का अधिक सेवन कराएं ।रोगी के शरीर में अधिक रक्त की कमी होने पर आयरन टॉनिक का प्रयोग करें गर्भवती महिला को पूरे दिन में हल्का-हल्का तीन-चार बार भोजन दे और अधिक मात्रा में पानी पिलाएं |


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